राष्ट्रपति चुनाव: राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है ?
क्या आपने कभी किसी राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया है? यकीनन आपका जवाब होगा नहीं. तो फिर भारत में राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है ? क्या आपने कभी सोचा है इस बारे में.. और अगर मै ये कहू की आपने हर राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया है तो फिर शायद आप मुझे पागल कहेंगे लेकिन ये सच है. कैसे, वो भी आपको समझायेंगे इसी लेख में. तो चलिए फिर जानते है की आखिर भारत में राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है ? और कैसे हमे मिलते है हमारे माननीय राष्ट्रपति जी.
सबसे पहले तो आपको ये बता दे की भारत में राष्ट्रपति का चुनाव दुसरे किसी भी देश की तुलना में अलग मगर लोकतान्त्रिक तरीके से होता है. राष्ट्रपति चुनाव में भारत के नागरिक अप्रत्यक्ष रूप से प्रक्रिया में हिस्सा लेते है मतलब यह चुनाव आम चुनाव से बेहद ही अलग होता है. हमारे देश में संसदीय प्रणाली है अर्थात एक विधायिका का निर्माण जनता द्वारा चुने प्रतिनिधि से होता है. केंद्र की विधायिका संसद है और राज्य की विधायिका विधानसभा.
राष्ट्रपति होने के लिए योग्यता (Eligibility):
राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है ? यह जानने से पहले यह जान लेते है की देश का महामहिम यानि की राष्ट्रपति बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए होती है. भारत के किसी भी नागरिक को देश का राष्ट्रपति बनने के लिए जो योग्यता चाहिए वो भारत के संविधान के अनुच्छेद 55 में लिखी गयी है. जो की निम्नलिखित है:-
- वह भारत का नागरिक होना चाहिए.
- उम्र 35 वर्ष न्यूनतम होनी चाहिए.
- लोकसभा के सदस्य की योग्यता रखता हो.
- लाभ के पद पर कार्यरत न हो (राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या संघ अथवा किसी राज्य के मंत्रिपरिषद का सदस्य को लाभ का पद नहीं माना जाएगा).
राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है ? (President Election Process in India)
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। राष्ट्रपति का यहां सर्वोच्च संवैधानिक पद है। संवैधानिक प्रक्रिया के अंतर्गत हर 5 वर्षों में राष्ट्रपति का चुनाव किया जाता है। राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से देश की जनता द्वारा किया जाता है अर्थात जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि पहले विधानसभा या संसद का सदस्य बनते है और आगे ये ही राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेते है. यानि की आप और हम भी राष्ट्रपति के चुनाव में हिस्सा लेते है मगर सीधे तौर पर नहीं.
हालाकि हिस्सा ले रहे विधायक और सांसद के वोट का वेटेज अलग अलग होता है जिसकी गणना अन्य प्रक्रिया से की जाती है इलेक्टोरल कॉलेज, जिसमे लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा के सदस्य होते है, इस प्रक्रिया में हिस्सा लेते है. इसके बाद चुनाव प्रक्रिया में सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम को अपनाया जाता है, जिसके फलस्वरूप देश का राष्ट्रपति का चुनाव समानुपातिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से संपन्न हो जाता है. एक बात ध्यान रखे कि वोटिंग प्रक्रिया में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य हिस्सा नहीं ले सकते क्योंकि वे जनता द्वारा नहीं चुने गए है.
सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम क्या है ?
इस प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले सदस्य अपने वोट में वरीयता के अनुसार अपना वोट डालते है अर्थात यह बैलट पेपर में सदस्य बता देते है कि राष्ट्रपति पद के लिए उनकी पहली, दूसरी और तीसरी पसंद क्या है. यदि पहली पसंद के आधार पर चयन सम्पन्न नहीं होता है तो दूसरे चरण में उम्मीदवार के खाते में वोटर की दूसरी पसंद को ट्रान्सफर करके एकल वोट के रूप में उपयोग किया जाता है. इस प्रकार सिस्टम को सिंगल ट्रांसफरेबल वोट कहा जाता है.
राष्ट्रपति चुनाव में वेटेज का निर्धारण
जैसा की हमने आपको उपर बताया था की विधायक और सांसद के वोट का वेटेज अलग अलग होता है जिसकी गणना अन्य प्रक्रिया से की जाती है. अब इसी पर थोडा और प्रकाश डालते है की आखिर उनके द्वारा डाली गयी एक वोट कैसे बहुत सारी वोट की तरह गिनी जाती है.
आपके लिए:- शतरंज (चैस) खेलने के नियम, शतरंज का खेल कैसे खेलते हैं ?
विधायक वोट का वेटेज कैसे किया जाता है?
यह हर एक विधायक के लिए अलग हो सकता है और इसका निर्धारण उसके राज्य की जनसँख्या और विधानसभा क्षेत्र की संख्या पर निर्भर करता है. वेटेज निकलने के लिए उस प्रदेश की जनसँख्या को चुनित विधायक की संख्या से भाग दिया जाता है, इसके बाद जो प्राप्त हुआ उसे 1000 से भाग दिया जाता है. यही उस राज्य के विधायक के एक वोट का वेटेज होता है | यदि संख्या 500 से ज्यादा है तो इसमें 1 जोड़ दिया जाता है.
और यही सबसे बड़ी वजह भी है की सारी राजनितिक पार्टिया उत्तर प्रदेश पर सबसे ज्यादा ध्यान देती है. क्योंकि वहां की सीट भी ज्यादा होती है और वहां की जन्शंख्या भी. इसीलिए 1 तीर से दो निशाने साधे जाते है. लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत भी और रास्त्रपति चुनाव में वोट भी सबसे ज्यादा.
ऐसे ही मजेदार पोस्ट पढने के लिए यहाँ क्लिक करे.
सांसद वोट का वेटेज कैसे किया जाता है?
सभी विधानसभाओ के विधायको का वेटेज जोड़ने के बाद इसे संसद के सभी चुनित सदस्य द्वारा भाग दिया जाता है, इस तरह से जो संख्या प्राप्त होती है वही सांसद के एक वोट का वेटेज है. अगर प्राप्त संख्या 0.5 से ज्यादा आई तो उसमे भी 1 जोड़ दिया जाता है.
आपके लिए:- क्रिकेट के मुख्य नियम | Cricket Rules in hindi
राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटो की गिनती कैसे होती है?
- जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटो की गिनती शुरू की जाती है तब सबसे पहले सभी मतो में से पहली वरीयता प्राप्त मतो के अनुसार देखा जाता है कि किसी उम्मीदवार ने निर्धारित वेटेज कोटा प्राप्त किया है या नहीं. यदि पहले चरण में कोई उम्मीदवार कोटा प्राप्त नहीं करता है तो पहले चरण में सबसे कम मत मिलने वाले उम्मीदवार को प्रक्रिया से निकल दिया जाता है.
- अब दूसरे चरण में सदस्य द्वारा दिए दूसरी वरीयता के वोट को गिना जाता है और फिर से देखा जाता है कि किसी उम्मीदवार ने निर्धारित कोटा प्राप्त किया है या नहीं. यदि वह कोटा के अनुरूप वोट प्राप्त कर लेता है तो उसे राष्ट्रपति घोषित कर दिया जाता है. यदि नहीं होता है तो अगली वरीयता के वोट गिने जाते है और सबसे कम वोट वाले उम्मीदवार को प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता है.
- प्रक्रिया को यदि पूरा करे तो सबसे अंतिम में जो उम्मीदवार शेष रहता है वही विजय घोषित कर दिया जाता है और राष्ट्रपति का चुनाव पारदर्शी रूप से संपन्न किया जाता है.
Home Page | यहाँ क्लिक करें |
उम्मीद है की आपको भारत के राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है ? समझ में आ गया होगा. यदि आपका कोई सवाल जवाब या शिकायत है तो आप हमें निचे कमेंट बॉक्स में लिखकर बता सकते है.
इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है ? से सम्बंधित कुछ सवाल जवाब निचे दिए गये है.
FAQs On भारत के राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है ?
Q: राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है इसके अधिकार एवं शक्तियां बताइए ?
भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 55 के अनुसार आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है। राष्ट्रपति को भारत के संसद के दोनो सदनों (लोक सभा और राज्य सभा) तथा साथ ही राज्य विधायिकाओं (विधान सभाओं) के निर्वाचित सदस्यों द्वारा पाँच वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है।
Q: भारत के राष्ट्रपति का क्या कार्य है?
- भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति
- प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों की नियुक्ति
- भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति
- सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति
- राज्यों के मध्य समन्वय के लिए अंतरराज्यीय परिषद् के सदस्यों की नियुक्ति
Q: राष्ट्रपति का चुनाव की प्रक्रिया क्या है?
चुनाव या निर्वाचन, लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके द्वारा जनता (लोग) अपने प्रतिनिधियों को चुनती है। चुनाव के द्वारा ही आधुनिक लोकतंत्रों के लोग विधायिका (और कभी-कभी न्यायपालिका एवं कार्यपालिका) के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिये व्यक्तियों को चुनते हैं.
Q: 2022 राष्ट्रपति का चुनाव कब है?
18 जुलाई को होगा राष्ट्रपति चुनाव, 21 जुलाई को देश को मिलेंगे नए महामहिम.
Q: भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में कौन भाग नहीं लेता है?
वोटिंग प्रक्रिया में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य हिस्सा नहीं ले सकते क्योंकि वे जनता द्वारा नहीं चुने गए है.
https://drugsoverthecounter.com/# over the counter ed pills
[url=https://over-the-counter-drug.com/#]over the counter antibiotic[/url] omeprazole over the counter
https://over-the-counter-drug.com/# pantoprazole over the counter
best over the counter cough medicine over the counter testosterone
[url=https://over-the-counter-drug.com/#]tamiflu over the counter[/url] nausea medication over the counter
over the counter anti inflammatories over the counter nausea medicine for pregnancy
https://over-the-counter-drug.com/# antibiotics over the counter
[url=https://over-the-counter-drug.com/#]over the counter pink eye drops[/url] over the counter tapeworm treatment for dogs